जागो राजभर जागो के सचिव महेंद्र राजभर ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन।
वाराणसी
जागो राजभर जागो संगठन के महेंद्र राजभर सचिन ने बताया कि उत्तर प्रदेश में मूलतः निवासरत भर/राजभर जाति की मूलभूत संवैधानिक संरक्षण की आवश्यकता की ओर सादर आपका ध्यान आकृष्ट कराते हुए अनुरोध करना है कि भारतीय लोकतंत्र में निहित प्रावधानो के तहत आजादी के लगभग 76 वर्ष बीत जाने के बाद भी इस वंछित सामुदाय की सामाजिक शैक्षणिक-आर्थिक आदि क्षेत्रों में अत्यंत दैनिय दशा को दृष्टिगत रखते हुए देश की मुख्य धारा में समाहित करने के लिए अनुसूचित जनजाति के श्रेणी में अधिसूचित करना नितांत आवश्यक है। कि उक्त भर ट्राईब माहाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ इन राज्य में अनुसूचित जनजाति के श्रेणी में सूचिबद्ध है परन्तु अनुसूचित जनजाति के श्रेणी में सूचिबद्ध करने के लिए निर्धारित मानक के अनुसार समस्त अहंताएं पूर्ण होने के बावजूद भी उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जनजाति के श्रेणी में अधिसूचित नही किया गया है। यह भर/राजभर ट्राईब के साथ तत्कालिन समय से बहुत बड़ा अन्याय हुआ है जो अद्यतन जारी है इस समुदाय के तमाम सामाजिक जनप्रतिनिधियो द्वारा निरंतर के मांग के बावजूद भी आज तक भर/राजभर को उत्तर प्रदेश के संदर्भ में अनुसूचित जनजाति के सूची में अधिसूचित नही किया गया है। यह अत्यंत ही पीड़ा दायक है और समुदाय के साथ नाइंसाफी है।
जबकि जागो राजभर जागो समिति उ०प्र० ने एक याचिका रिट संख्या 2341/2022 किया गया है उच्च न्यायालय इलाहाबाद जिसके आदेश के बाद भी सरकार उस आदेश का संज्ञान नही ली। उसके बाद 18/08/2022 को पुनः अवमानना याचिका रिट संख्या 4706/2022 किया गया।
उसके बाद सरकार ने आदेश को संज्ञान लिया एवं सरकार 17 जिलो का बृहजातिय सर्वेक्षण कराया जिसका आज तक उस सर्वेक्षण का रिपोर्ट सरकार ने उच्च न्यायालय में प्रेषित नही किया। उसी सन्दर्भ में जागो राजभर जागो समिति उ0प्र0 के द्वारा सरकार को प्रतिवेदन दिनांक 28/06/2024 को प्रेषित है, जिसमें अनुसूचित जनजाति का प्रस्ताव जल्द-जल्द भेजवाने का अनुरोध किया है।